हज़रत इमाम रुहुल्लाह खुमैनी (रह.) सिर्फ एक रहबर-ए-इंक़िलाब ही नहीं बल्कि एक अज़ीम शायर और आरिफ भी थे। उन्होंने फ़ारसी में कई रूहानी और इरफ़ानी अशआर कहे हैं। नीचे उनके कलाम से कुछ मशहूर और असरदार शेर (फ़ारसी के साथ हिंदी तरजुमा) पेश हैं:
🌹 1.
من به خال لبت ای دوست گرفتار شدم
چشم بیمار تو را دیدم و بیمار شدم
हिंदी तर्जुमा:
तेरे होंठों के तिल पे ए दोस्त, मैं फिदा हो गया
तेरी बीमार आंखें देखीं और खुद बीमार हो गया
(यह इश्क़े-मजाज़ से इश्क़े-हक़ीक़ी की तरफ़ इशारा करता है)
🌹 2.
فارسی:
عاشقم بر همه عالم که همه عالم از اوست
دل من در طلب یار به هر سو زده است
हिंदी तर्जुमा:
मैं सारी कायनात से मुहब्बत करता हूँ क्योंकि ये सब उसी (ख़ुदा) से है
मेरा दिल महबूब की तलाश में हर ओर भटक रहा है
🌹 3.
فارسی:
به یاد یار و دیار آنچنان گریه کنم
که زار زار بگرید به حال زارم، سنگ
हिंदी तर्जुमा:
महबूब और वतन की याद में यूं रोऊँ
कि मेरे हाल पे पत्थर भी आहें भरें
🌹 4.
فارسی:
تو را من چشم در راهم، شباهنگام
که میگیرند در شاخ «تلاجن»، سایهها رنگ سیاهی
हिंदी तर्जुमा:
मैं तेरी राह तकता हूँ, हर रात
जब अंधेरे शाखों पर काले साए बिखरते हैं
(यह इमाम का बहुत मशहूर नज़्मनुमा शेर है
🌹 5.
فارسی:
دل اگر خداشناسی، همه در رخ علی بین
به علی شناختم من، به خدا قسم خدا را
हिंदी तर्जुमा:
अगर तू दिल से ख़ुदा को पहचानना चाहता है, तो अली के चेहरे में देख
मैंने अली के ज़रिए ख़ुदा को पहचाना है, ख़ुदा की क़सम!
यहाँ मैं "दीवान-ए-इमाम" से चुनिंदा अशआर (फ़ारसी, हिंदी तर्जुमा सहित) मुख्तलिफ़ मौज़ूआत के हिसाब से पेश कर रहा हूँ:
🌸 1. इश्क़-ए-हक़ीक़ी (ख़ुदा की मुहब्बत):
فارسی:
ای عشق! تویی مونس جانم
بیتو نفسم نماند ای جان
हिंदी तर्जुमा:
ऐ इश्क़! तू ही तो मेरी जान का साथी है
तेरे बग़ैर मेरी सांस भी नहीं चलती, ऐ जान!
🌿 2. इरफ़ानी तजुर्बा (रूहानी अनुभव):
فارسی:
من ز خود رسته و از غیر بری گشتهام
در ره دوست چو افتادم، همه چیزم رفت
हिंदी तर्जुमा:
मैं खुदी से निकल चुका हूँ और ग़ैर से आज़ाद हो चुका
जब मैंने यार की राह पकड़ी, तो सब कुछ छोड़ दिया
💔 3. फ़ना फ़िल्लाह (ख़ुदा में गुम हो जाना):
فارسی:
نه مرا طاقت دوری، نه مرا طاقت وصل
دل شدم، سوختم، افتادم و فریاد نکردم
हिंदी तर्जुमा:
न जुदाई की ताक़त है, न وصाल की
दिल बन गया, जल गया, गिर पड़ा – पर शिकायत न की
🕊️ 4. तौहीद (ख़ुदा की वहदानियत):
فارسی:
به هر طرف نگری جلوه یار میبینم
به هر نظر نگهی، نقش نگار میبینم
हिंदी तर्जुमा:
जिधर भी देखता हूँ, यार की झलक नजर आती है
हर निगाह में, उसका ही नूर उभरता है
📖 5. अहलेबैत से मोहब्बत:
فارسی:
به عشق حیدر کرار زندهام دائم
که با علی شدهام، از جهان بری دائم
हिंदी तर्जुमा:
मैं हमेशा हज़रत अली की मोहब्बत में ज़िंदा हूँ
और इस दुनिया से हर वक़्त बेज़ार हूँ अली की वजह से
🔥 6. इंक़लाब और जागरूकता का पेग़ाम:
فارسی:
بیدار شو ای دیده، که دوران خماری رفت
آن یار که میگفتی، از پرده به در آمد
हिंदी तर्जुमा:
जाग जा ऐ आंख, अब नींद का दौर खत्म हुआ
वो यार जिसे तू पुकारता था, अब सामने आ चुका
📚 दीवान-ए-इमाम में पाए जाने वाले प्रमुख विषय:
- इश्क़-ए-इलाही (Divine Love)
- तजल्लीयात-ए-रब्बानी (Divine Manifestations)
- फना व बका (Annihilation & Eternity in God)
- तौहीद व तस्लीम (Unity & Submission)
- हुसैनी तहरीक और कुरबानी
- सियासी इंक़लाब में रूहानी रंग
📌 नोट: इमाम खुमैनी रह. ने ये शायरी एक मुहब्बत करने वाले आरिफ़ की तरह लिखी, न कि आम शायर की तरह। इसमें मज़हब, इरफ़ान, सियासत और रूहानियत सब एक साथ झलकते हैं।
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