“उम्मीद पोर्टल पर औकाफ़ की हिफ़ाज़त के लिए जंग तेज़—मौलाना इफ्तिखार हुसैन इंकलाबी की आफताबे-शरीयत मौलाना डॉ. कल्बे जवाद नकवी से ऐतिहासिक मुलाक़ात, 5 दिसंबर की आख़िरी तारीख बढ़ाने और अय्यामे-फ़ातिमी में क़ौमी जागरूकता मुहिम को लेकर गहन चर्चा”

आफताबे-शरीयत से मुलाक़ात — उम्मीद पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की तारीख बढ़ाने की सरकार से कहने की अपील
मौलाना इफ्तिखार हुसैन इंकलाबी ने उठाई क़ौम की आवाज़

निदा टीवी डेस्क

लखनऊ। सेव वक्फ इंडिया मिशन के अयोध्या मंडल प्रभारी और प्रवक्ता, मौलाना इफ्तिखार हुसैन इंकलाबी ने भारत की सुप्रीम रिलीजियस अथॉरिटी, आफताबे-शरीयत मौलाना डॉ. कल्बे जवाद नकवी साहब से उनके लखनऊ स्थित जौहरी मोहल्ले के दफ़्तर में महत्वपूर्ण मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में उम्मीद पोर्टल पर औकाफ़ की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और 5 दिसंबर को निर्धारित आखिरी तारीख को आगे बढ़ाने जैसे अहम मुद्दों पर गहन बातचीत हुई।

बिहार के दौरे से आज ही लखनऊ लौटे मौलाना कल्बे जवाद साहब ने मौलाना इंकलाबी की बातों को गंभीरता से सुना और औकाफ़ की हिफ़ाज़त को क़ौम का बुनियादी फ़र्ज़ बताते हुए जागरूकता बढ़ाने की ज़रूरत पर जोर दिया।

अय्यामे-फ़ातिमी और उम्मीद पोर्टल — जागरूकता अभियान की अपील

मौलाना इफ्तिखार हुसैन इंकलाबी ने बताया कि उम्मीद पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन अभी भी बेहद कम है, जबकि यह औकाफ़ की सुरक्षा और दस्तावेज़ी पहचान के लिए सबसे अहम कदम है।
उन्होंने "अय्यामे-फ़ातिमी" के दौरान क़ौम से ख़ास अपील की कि मस्जिदों, इमामबाड़ों, दरगाहों, कब्रिस्तानों और हर वक्फ़ इदारे को तत्काल प्रभाव से रजिस्ट्रेशन की ओर बढ़ना चाहिए।

जुझारू प्रवक्ता, जो हक़ की आवाज़ बन चुके हैं

मौलाना इंकलाबी अपनी जुझारू प्रकृति, शराफ़त और सच्चाई पर आधारित संघर्ष के लिए जाने जाते हैं।
उनकी फकीराना जिंदगी, बेख़ौफ़ तबीयत और हक़ पर डटे रहने की आदत ने उन्हें क़ौम की उम्मीद बना दिया है।
इसी वजह से क़ौम-विरोधी तत्व, वक्फ़ख़ोर, दलाल, षड्यंत्रकारी और मक्कार लोग उनसे खौफ़ खाते हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि यह शख्स हक़ की राह से पीछे नहीं हटता।

क़ौम के हित में इंकलाबी की जद्दोज़हद जारी

सेव वक्फ़ इंडिया मिशन की सक्रिय आवाज़ होने के नाते मौलाना इंकलाबी लगातार मैदान में हैं —
कभी वक्फ़ संपत्तियों की रक्षा के लिए संघर्ष,
कभी इसकी काग़ज़ी प्रक्रिया में मदद,
कभी अवैध कब्जों  को लेकर सरकारी स्तर पर संवाद,
और कभी जनता में जागरूकता फैलाने का अभियान।

इस मुलाक़ात ने उम्मीद पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के मुद्दे को एक नई दिशा दी है, और क़ौम को यह एहसास दिलाया है कि अगर आज हम जागेंगे तो ही औकाफ़ की आने वाली नस्लें सुरक्षित रहेंगी।

यह मुलाक़ात केवल बातचीत नहीं, बल्कि औकाफ़ की हिफ़ाज़त की  नया इकदाम  पर गुफ्तगू थी।

आगरा के औक़ाफ़ मामलात पर भी बात हुई।


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