नायब इमाम-ए-जुमा मौलाना सैयद सरताज हैदर जैदी ने जामा मस्जिद लखनऊ में एतिकाफ करने वाले मोमिनीन से की मुलाकात, अहम मसायल पर रोशनी डाली

निदा टीवी डेस्क
लखनऊ: नायब इमाम-ए-जुमा मौलाना सैयद सरताज हैदर जैदी साहब आज लखनऊ की ऐतिहासिक जामा मस्जिद पहुंचे, जहां उन्होंने एतिकाफ में बैठे मोमिनीन से मुलाकात की। मौलाना ने एतिकाफ की अहमियत पर रोशनी डालते हुए इसे इस्लाम में आत्मा की तजकीया (शुद्धिकरण) और अल्लाह से करीब होने का एक महत्वपूर्ण जरिया बताया।

उन्होंने एतिकाफ करने वाले मोमिनीन के जज्बे की सराहना की और कहा कि रमज़ान और अन्य मुबारक दिनों में एतिकाफ करना बंदे को दुनिया की फिजूल बातों से अलग कर के अल्लाह की इबादत में मशगूल करता है। उन्होंने इस दौरान कई अहम मसायल पर भी तफसील से चर्चा की, जिनमें रोज़ा, नमाज़ और इबादत के तरीके शामिल थे।

मौलाना सरताज हैदर जैदी ने मोमिनीन को नसीहत करते हुए कहा कि एतिकाफ के दौरान वक्त का सही इस्तेमाल करें, कुरआन की तिलावत करें और अपने गुनाहों की माफी मांगते हुए खुद को अल्लाह के करीब लाएं। उन्होंने कहा कि मस्जिदें सिर्फ इबादत के लिए ही नहीं, बल्कि दीनी मसायल के हल और समाजी मुद्दों पर बातचीत के लिए भी अहम किरदार अदा करती हैं।मोमिनीन ने मौलाना से मुलाकात को अपने लिए एक बड़ी नेमत करार दिया और उनकी बातों से प्रेरणा ली। इस मौके पर मस्जिद में रूहानी माहौल देखने को मिला, जहां हर कोई अल्लाह की इबादत में मशगूल था।

मौलाना ने अंत में मुल्क और उम्मत के लिए दुआ की, ताकि अमन-चैन और तरक्की का रास्ता खुले। जामा मस्जिद के इस दौरे को मोमिनीन ने बेहद यादगार और फायदेमंद बताया।

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