"पहचानो अपने रब को: जिस्म के नवीनीकरण में छुपी कुदरत की निशानियां"

आप हर दस मिनट बाद वह नहीं है जो 10 मिनट पहले होते है।  
आपका जिस्म लगातार अपना नवीनीकरण (Regenration)  कर रहा है। नई कोशिकाएं (cells) बनती हैं और पुरानी खत्म हो जाती हैं।  

हर 7 से 10 साल में आपका पूरा जिस्म, जिसमें आपके अज़ा (अंग) और टिशू शामिल हैं, बिल्कुल नया हो जाता है। आपका stomach (पेट) हर 4 दिन में खुद को ताज़ा कर लेता है। खाने को हज़म करने वाली stomach cells हर 5 मिनट में बदल जाती हैं।  

आपको हर 150 दिनों में एक नया  liver तब्दील हो जाता है। आपकी बाहरी त्वचा की पूरी सतह, जिसे  epidermis कहा जाता है, हर 4 हफ्ते में बदल जाती है।  
आपका  pancreas जो आपके खून में शुगर की मिक़दार को कंट्रोल करता है, हर 50 दिनों में नया हो जाता है।  

हर 4 महीने में आपके पूरे जिस्म में नई  red blood cells बन जाती हैं। अगर आप खून का दान (डोनेट) करते हैं, तो 12 हफ्तों के अंदर वो खून दोबारा बन जाता है।  
आपकी taste buds जो आपको अलग अलग  ज़ायकों का लुत्फ उठाने में मदद करती हैं, हर 10 दिनों में बदल जाती हैं। हालांकि जिस्म की कोशिकाएं (cells) हमेशा बदलती रहती हैं, लेकिन कुछ हिस्सों में ये अमल धीमा होता है। मसलन, आपकी हड्डियों को मुकम्मल तौर पर नया बनने में 10 साल लग जाते हैं।  

जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हड्डियों का regeneration का अमल धीमा हो जाता है, जिससे हमारी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।  
हालांकि, आपके जिस्म में इतनी शानदार regeneration capacity होने के बावजूद, कुछ हिस्से कभी नहीं बदलते। जैसे आपकी आंखों के अंदर का inner lens और आपके cerebral cortex में मौजूद neurons  

Fat भी आपकी खुराक और जिस्मानी सरगर्मियों पर मुनहसर करता है कि यह आपके जिस्म में जमा रहेगा या नहीं।  
भले ही आपके जिस्म का हर हिस्सा बदल जाए, लेकिन आपकी consciousness खुद को पहचानने की सलाहियत और यादें वही रहती हैं।  

जैसे आपकी  taste buds  हर 10 दिन में बदल जाती हैं, लेकिन जो लज़ीज़ खाना आपने पहले खाया उसकी यादें कायम रहती हैं। और नई taste buds उस ज़ायके का लुत्फ उठाने के लिए तैयार हो जाती हैं।

तो तुम अपने रब की किन किन नेमतों को झुठलाओगे ? 

और इंसान अपने रब के बारे में झगड़ता है, हालाँकि उसने उसे पैदा किया।"
(सूरत यासीन: 77)

"और वह हमारे लिए एक मिसाल पेश करता है और अपनी तख़लीक़ को भूल जाता है। कहता है, 'कौन इन हड्डियों को ज़िंदा करेगा जब ये सड़-गल जाएंगी?'
(ऐ नबी!) कह दीजिए, 'उन्हें वही ज़िंदा करेगा जिसने इन्हें पहली बार पैदा किया था। और वह हर मख़लूक़ (सृष्टि) का इल्म रखता है।'"
(सूरह यासीन: 78-79)

क्या हमने पहली बार पैदा करके थकावट महसूस की? बल्कि ये लोग नए सिर से पैदा होने के बारे में शक में पड़े हुए हैं।"
(सूरत काफ़: 15)

और बहुत थोड़े ही बंदे मेरे शुक्रगुज़ार होते हैं।"
(सूरत सबा: 13)

"पहचानो अपने रब को, जिसने तुम्हें पहली बार पैदा किया और तुम्हारे नवीनीकरण को अपनी कुदरत से जारी रखा।"

#BlessingsOfTheCreator #BodyRegeneration #MiracleOfNature #Gratitude #RecognizeYourLord

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