रुदौली में ‘एक शाम कुरआन के नाम’ का भव्य आयोजन, मौलाना हैदर अब्बास रिज़वी ने कुरआन की अज़मत पर डाली रोशनी


निदा टीवी डेस्क/ औन 

रुदौली (अयोध्या): माह-ए-रमज़ान की पाकीज़गी और कुरआन पाक की बरकतों से फैज़याब होने के लिए अयोध्या के ऐतिहासिक नगर रुदौली शरीफ में "एक शाम कुरआन के नाम" का भव्य आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम 2016 में धार्मिक और सामाजिक कार्यों में अग्रणी ताज रुदौलवी द्वारा शुरू किया गया था, जिसे मौलाना सय्यद हैदर अब्बास रिज़वी की देखरेख में आयोजित किया जाता है। हर साल की तरह इस बार भी यह आयोजन ऐतिहासिक मस्जिद इरशादिया में बड़ी शानो-शौकत के साथ संपन्न हुआ, जहां कुरआन और अहलेबैत (अ.स.) की अज़मत पर रोशनी डाली गई।

कुरआन की तिलावत से हुआ कार्यक्रम का आग़ाज़

कार्यक्रम का आग़ाज़ मशहूर क़ारी मौलाना एजाज़ हुसैन कश्मीरी की मधुर आवाज़ में सूरह मोमिनून की तिलावत से हुआ, जिसे सुनकर पूरा माहौल "सुब्हानअल्लाह" की सदा से गूंज उठा। इसके बाद मेहमान शायर फसाहत जौनपुरी ने रसूल-ए-अकरम (स.अ.) की शान में नात पढ़ी, जिसने समा बांध दिया।

मौलाना हैदर अब्बास रिज़वी का प्रेरणादायक बयान

इस रुहानी महफिल में मौलाना सय्यद हैदर अब्बास रिज़वी ने अपने खिताब में फरमाया कि कुरआन मजीद अल्लाह का वो अज़ीम इनाम है जो हर दौर में इंसानियत के लिए हिदायत का सरचश्मा रहा है। उन्होंने सूरह क़द्र की प्रसिद्ध आयत को पढ़ते हुए कहा—
"हमने कुरआन मजीद को शब-ए-क़द्र में नाज़िल किया, यह कुरआन किताब हिदायत है सभी बशरियत के लिए।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि जिस तरह दुनिया के अन्य धर्मों की पवित्र पुस्तकें समय के साथ खो गईं या उनमें बदलाव आया, लेकिन कुरआन पाक 14 सदियों से ज्यों का त्यों मौजूद है।

मौलाना ने कुरआन की वैज्ञानिक सच्चाइयों पर भी रौशनी डालते हुए कहा कि आज जो बातें विज्ञान साबित कर रहा है, उन्हें कुरआन ने सदियों पहले बयान कर दिया था। उन्होंने हज़रत मोहम्मद (स.अ.) और उनके अहलेबैत (अ.स.) को कुरआन की असली व्याख्या करने वाला बताया और कहा कि जिस तरह संपत्ति की खरीदारी के बाद रजिस्ट्रेशन की ज़रूरत होती है, उसी तरह इस्लाम में कुरआन का सही मफहूम समझने के लिए अहलेबैत (अ.स.) की रहनुमाई ज़रूरी है

मौलाना सरफराज हुसैन का अहम बयान

रुदौली के इमाम-ए-जुमा मौलाना सरफराज हुसैन ने हदीस की रौशनी में कुरआन की तिलावत की अहमियत पर ज़ोर देते हुए कहा कि जो व्यक्ति रमज़ान में एक आयत पढ़ता है, उसे पूरे कुरआन की तिलावत का सवाब मिलता है। उन्होंने कुरआन को इंसानी जिंदगी के हर पहलू के लिए रहनुमाई करने वाली किताब बताया।

दुआ और विशेष सम्मान

कार्यक्रम का समापन दुनिया भर के मज़लूमों की सलामती, अमन-चैन और इंसानियत के दुश्मनों की नाकामी की दुआ से हुआ। इस अवसर पर मौलाना सैयद हैदर अब्बास रिज़वी ने इदारा इल्म व दानिश द्वारा प्रकाशित "नहज-ए-बलाग़ा" का एक शानदार संस्करण इर्शाद मंज़िल की लाइब्रेरी और अन्य मेहमानों को भेंट किया।

महान हस्तियों की उपस्थिति

इस भव्य आयोजन में अनेक धार्मिक, सामाजिक एवं शैक्षिक हस्तियों ने भाग लिया, जिनमें प्रमुख रूप से साबिक़ एमएलए और मंत्री अब्बास अली ज़ैदी रशदी मियां, डॉक्टर सैयद नज़ीर अब्बास, मास्टर शमीम हुसैन, डॉक्टर कमकाम अली, चौधरी अकबर मेहदी औन, डॉक्टर अख्तर रज़ा, क़ारिब क़रनी, चौधरी मक्की मियां सहित इलाहाबाद, लखनऊ, ऊंचाहार रायबरेली, भदरसा, सीबार और अन्य स्थानों से आए लोग शामिल थे।

आयोजकों का आभार एवं भविष्य की योजना

कार्यक्रम के आयोजक ताज रुदौलवी ने सभी मेहमानों और उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त किया और इस आयोजन को भविष्य में और भी व्यापक स्तर पर आयोजित करने की घोषणा की। उन्होंने सभी धर्मों के लोगों को इस पवित्र महफिल में शामिल होने का आमंत्रण दिया, जिससे मजहबी हमआहंगी (धार्मिक सौहार्द्र) को बढ़ावा मिल सके और समाज में एकता का संदेश जाए

यूट्यूब पर लाइव प्रसारण

रुदौली के जागरूक युवा आकीफ कुमैल की मेहनत से इस कार्यक्रम को आईज़ेड यूट्यूब चैनल पर सीधा प्रसारित किया गया, जिससे दूर-दराज के लोग भी इस रुहानी महफिल का हिस्सा बन सके।

"एक शाम कुरआन के नाम" कार्यक्रम सिर्फ एक मज़हबी आयोजन नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक और सामाजिक एकजुटता का प्रतीक बन चुका है। इस प्रोग्राम की लोकप्रियता हर साल बढ़ रही है, और यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले वर्षों में इसे और बड़े स्तर पर आयोजित किया जाएगा ताकि कुरआन की रोशनी से पूरी इंसानियत रोशन हो सके।

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