जियारत
1. "السلام عليك يا نور الله في ظلمات الليل"
"आप पर सलाम हो, ऐ अल्लाह के नूर, जो रात की अंधेरों में थे।"
2. "السلام عليك يا إمام المتقين"
"आप पर सलाम हो, ऐ संयम रखने वालों के इमाम।"
3. "السلام عليك يا قرة عين الوالدين"
"आप पर सलाम हो, ऐ माता-पिता की आँखों की ठंडक।"
4. "السلام عليك يا إمامنا، يا حجة الله على الخلق"
"आप पर सलाम हो, हमारे इमाम, जो अल्लाह की ओर से सारी सृष्टि पर प्रमाण हैं।"
5. "السلام عليك يا عالم آل محمد"
"आप पर सलाम हो, ऐ मोहम्मद के परिवार के ज्ञानी।"
इमाम मोहम्मद तकी अलैहिस्सलाम (809 ईस्वी - 835 ईस्वी) इस्लाम के 9वें इमाम थे, जो अपनी अद्भुत ज्ञान, न्यायप्रियता और इंसानियत के लिए मशहूर हैं। उन्होंने अपने छोटे से जीवनकाल में दुनिया को वह सबक दिया, जो आज भी हमें सही राह दिखाता है। उनकी ज़िंदगी इंसानियत, न्याय, संयम और सच्चाई की मिसाल है।
जन्म और पारिवारिक पृष्ठभूमि
इमाम मोहम्मद तकी का जन्म 10 रजब 195 हिजरी (809 ईस्वी) को मदीना में हुआ। उनके पिता इमाम अली रज़ा अलैहिस्सलाम और माता बीबी उम्मुल फज़ल थीं। उनके जीवन की शुरुआत ही करिश्माई घटनाओं से भरी हुई थी। इमाम मोहम्मद तकी बहुत छोटी उम्र में अपने पिता की शहादत के बाद 9वें इमाम बने।
इमामत का आरंभ
8 साल की उम्र में इमाम बनने के बावजूद, उनकी समझदारी और ज्ञान ने हर किसी को चकित कर दिया। अब्बासी खलीफा मआमून ने उनकी नेतृत्व क्षमता को चुनौती देने के लिए बड़े-बड़े विद्वानों को उनके सामने खड़ा किया, लेकिन इमाम ने हर बार अपने जवाबों और तर्कों से उन्हें मात दी।
इमाम मोहम्मद तकी की जियारत: एक आध्यात्मिक अनुभव
2024 में, मुझे इमाम मोहम्मद तकी अलैहिस्सलाम के बगदाद काज़मैन में स्थित रौज़े की पाँच बार जियारत करने का शरफ मिला। यह अनुभव रूहानी सुकून और प्रेरणा से भरपूर था।
जियारत के दौरान मुख्य पहलू:
1. रौज़े की रूहानियत:
रौज़े में कदम रखते ही रूह को सुकून मिलता है। उनकी रौज़े के पास दुआ मांगते वक्त महसूस होता है कि उनके किरदार और सीखों को अपनाने की जरूरत है।
2. सादगी का संदेश:
उनके जीवन की सादगी और दुनिया की मोहब्बत से दूरी का सबक हर इंसान को सोचने पर मजबूर करता है।
3. दुआओं का असर:
जियारत के दौरान मांगी गई हर दुआ में आत्मविश्वास महसूस होता है। यह एहसास होता है कि जब तक इंसान सच्चाई और ईमानदारी के साथ जिएगा, तब तक उसे अल्लाह की मदद हासिल होती रहेगी।
4. समर्पण और सेवा का पाठ:
उनकी रौज़े के पास उनके जीवन की घटनाएं याद आती हैं, जो हर इंसान को सिखाती हैं कि कैसे दूसरों की सेवा को प्राथमिकता दी जाए।
5. ज्ञान और ईश्वर के प्रति समर्पण का एहसास:
इमाम के ज्ञान और अल्लाह के प्रति उनकी लगन से प्रेरणा मिलती है कि इंसान को हमेशा खुदा पर यकीन रखना चाहिए।
जीवन के महत्वपूर्ण पहलू
1. ज्ञान और तर्कशक्ति की मिसाल
इमाम मोहम्मद तकी ने इस्लाम के नैतिक और सामाजिक सिद्धांतों को ज्ञान और तर्क के जरिए समझाया। अब्बासी दरबार में हुई बहसों में उन्होंने अपने ज्ञान से हर किसी को प्रभावित किया।
पैग़ाम:
ज्ञान किसी उम्र या स्थिति का मोहताज नहीं है। हर इंसान को अपने अंदर ज्ञान पाने की ललक और तर्कशक्ति को विकसित करना चाहिए।
2. गरीबों की मदद और समाजसेवा
इमाम ने हमेशा गरीबों और जरूरतमंदों की मदद की। उनकी दरियादिली के किस्से मशहूर हैं। वे लोगों को सिखाते थे कि अपनी संपत्ति का एक हिस्सा दूसरों की भलाई के लिए जरूर रखें।
पैग़ाम:
संसाधन और ताकत तभी सार्थक हैं, जब वे दूसरों के भले के लिए इस्तेमाल हों।
3. सच्चाई और संयम का पाठ
एक बार, जब उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए, तो उन्होंने संयम और सच्चाई के बल पर अपनी बेगुनाही साबित की।
पैग़ाम:
सचाई और संयम किसी भी इंसान को हर स्थिति में मजबूती प्रदान करते हैं।
इमाम के अक़वाल और शिक्षा
इमाम मोहम्मद तकी अलैहिस्सलाम के अक़वाल हर इंसान के लिए जीवन का रास्ता हैं।
1. "सबसे अच्छा इंसान वह है, जो दूसरों को फायदा पहुंचाए।"
2. "जो अपनी जुबान को काबू में रखता है, वह हर मुश्किल से बच सकता है।"
3. "इंसान की असली पहचान उसका अखलाक है।"
4. "अच्छे लोगों की संगत हर गुनाह से बचाती है।"
अहम वाकिये जो पैग़ाम बनें
1. दुश्मनों को माफ करना:
एक व्यक्ति ने इमाम के खिलाफ गलत बातें कीं। जब वह इमाम के सामने आया, तो उन्होंने उसे दुआएं दीं। यह देखकर वह व्यक्ति शर्मिंदा हुआ और माफी मांगने लगा।
पैग़ाम:
दुश्मनों को माफ करना इंसान की महानता है।
2. दुनिया की मोहब्बत से दूरी:
इमाम मोहम्मद तकी ने अपने जीवन में हमेशा सादगी और संयम को अपनाया।
पैग़ाम:
दुनियावी चीज़ों की मोहब्बत से बचें और सादगी से जिएं।
3. इंसाफ और बराबरी:
इमाम ने शादी के मामलों में महिलाओं के अधिकारों पर जोर दिया।
पैग़ाम:हर रिश्ते में इंसाफ और बराबरी होना जरूरी है।
शहादत और विरासत
25 साल की छोटी उम्र में, इमाम मोहम्मद तकी अलैहिस्सलाम को दुश्मनों ने जहर देकर शहीद कर दिया। उनकी शहादत इस बात की गवाही देती है कि सच और इंसाफ के रास्ते पर चलने वालों को हर दौर में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
इमाम मोहम्मद तकी अलैहिस्सलाम की ज़िंदगी हर इंसान के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी शिक्षा, उनके अक़वाल, और उनके जीवन के वाकिये हमें यह सिखाते हैं कि इंसानियत, सच्चाई और न्याय से बढ़कर कुछ नहीं। उनकी जियारत एक रूहानी अनुभव है, जो हमें उनके आदर्शों को अपनाने की प्रेरणा देता है।
उनकी ज़िंदगी का हर पहलू हमें यह संदेश देता है कि ज्ञान, संयम, और सच्चाई के साथ जिया गया जीवन ही असल में सफल जीवन है।
खुदा का शुक्र और एक नई पीढ़ी का आगाज़
खुदा का शुक्र है कि अल्लाह ने मुझे अपने सभी बेटों और बेटियों को खास दिन, जैसे किसी विलादत पर या 27 रजब, में अता किया। यह मेरे लिए एक खास सम्मान है। अल्लाह ने 10 रजब के मुबारक दिन मुझे तीसरे बेटे से नवाजा, जिसे मैंने इमाम मोहम्मद तकी अलैहिस्सलाम की शान में "सैयद मोहम्मद तकी हसनैन रिजवी" नाम दिया।
आज, सैयद मोहम्मद तकी हसनैन रिजवी इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग कर रहे हैं। यह मेरे लिए गर्व और खुशी का विषय है कि मेरी औलाद इमाम की शिक्षाओं और आदर्शों पर चल रही है और आधुनिक शिक्षा में भी अग्रणी है।
सैयद रिज़वान मुस्तफा
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