नई दिल्ली में इमाम खुमैनी (र.अ.) वर्ल्ड अवार्ड पर 31 दिसंबर को संगोष्ठी: इमाम खुमैनी ऑर्गेनाइजेशन की ट्रस्टी ज़ीनत काज़मी ने की लोगों से अधिक से अधिक भाग लेने की अपील

निदा टीवी डेस्क
नई दिल्ली,24 दिसंबर 2024: ईरान कल्चर हाउस, तिलक मार्ग, नई दिल्ली में आगामी 31 दिसंबर 2024 को इमाम खुमैनी (र.अ.) वर्ल्ड अवार्ड पर एक भव्य क्षेत्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। इस संगोष्ठी का उद्देश्य इमाम खुमैनी (र.अ.) के विचारों, उनके योगदान, और इस ऐतिहासिक अवार्ड के वैश्विक महत्व पर प्रकाश डालना है।

कार्यक्रम दोपहर 3:00 बजे से शुरू होकर शाम 6:00 बजे तक चलेगा। इसमें अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के कई प्रमुख विद्वानों, बुद्धिजीवियों, और शोधकर्ताओं की उपस्थिति रहेगी। संगोष्ठी में इमाम खुमैनी (र.अ.) के विचारों को आधुनिक समाज में लागू करने, शांति, न्याय, और मानवीय मूल्यों को प्रोत्साहित करने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी।

ज़ीनत काज़मी ने की अपील

इमाम खुमैनी ऑर्गेनाइजेशन की ट्रस्टी ज़ीनत काज़मी ने इस अवसर पर सभी लोगों से अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर अपनी मोहब्बत और समर्थन का इज़हार करने की अपील की है। उन्होंने कहा,

> "यह संगोष्ठी सिर्फ एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि इमाम खुमैनी (र.अ.) की महान विचारधारा को समझने और उनके आदर्शों को आत्मसात करने का एक ऐतिहासिक अवसर है। मैं सभी से अनुरोध करती हूं कि वे इस कार्यक्रम में शामिल होकर इस संदेश को और मजबूत बनाएं।"

कार्यक्रम के मुख्य बिंदु

1. इमाम खुमैनी (र.अ.) की विचारधारा पर चर्चा:
उनकी शिक्षाओं और वैश्विक शांति और न्याय में उनकी भूमिका पर गहन विचार-विमर्श।
2. इमाम खुमैनी (र.अ.) वर्ल्ड अवार्ड:
यह अवार्ड उन व्यक्तियों और संस्थाओं को दिया जाता है जिन्होंने मानवता के लिए उल्लेखनीय योगदान दिया है।
3. अंतरराष्ट्रीय वक्ता:
संगोष्ठी में ईरान और अन्य देशों के कई प्रमुख वक्ता शामिल होंगे, जो इमाम खुमैनी (र.अ.) के योगदान और उनके विचारों की प्रासंगिकता पर बात करेंगे।
4. आधुनिक संदर्भ में उनकी विचारधारा का महत्व:
कैसे इमाम खुमैनी (र.अ.) की शिक्षाएं आज की समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करती हैं।

इमाम खुमैनी (र.अ.) के विचारों का असर केवल ईरान तक सीमित नहीं रहा, बल्कि भारत के कई क्षेत्रों में भी उनके आदर्शों का प्रभाव देखा गया। उत्तर प्रदेश के कित्तूर, बाराबंकी जैसे स्थानों ने इमाम खुमैनी (र.अ.) के विचारों को आत्मसात कर सामाजिक और सांस्कृतिक उत्थान में योगदान दिया है।

कित्तूर का योगदान:

यहां के धार्मिक विद्वानों ने इमाम खुमैनी (र.अ.) के संदेश को स्थानीय स्तर पर प्रसारित किया।

कित्तूर की गंगा-जमुनी संस्कृति इमाम खुमैनी (र.अ.) के शांति और भाईचारे के संदेश का उदाहरण है।

ज़ीनत काज़मी का संदेश

ज़ीनत काज़मी ने आगे कहा,

> "इमाम खुमैनी (र.अ.) केवल एक नेता नहीं, बल्कि इंसानियत के संरक्षक थे। उनकी शिक्षाएं हमें शांति, न्याय, और समानता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती हैं। यह कार्यक्रम उनके विचारों को समझने और उनके आदर्शों को आत्मसात करने का एक सुनहरा मौका है।"

कार्यक्रम में भाग लेने का अनुरोध

संगोष्ठी के आयोजकों ने लोगों से समय पर कार्यक्रम स्थल पहुंचने और इस ऐतिहासिक आयोजन को सफल बनाने की अपील की है। यह कार्यक्रम न केवल इमाम खुमैनी (र.अ.) के विचारों को समझने का अवसर प्रदान करेगा, बल्कि मानवता के प्रति उनकी सेवाओं के प्रति सम्मान व्यक्त करने का भी एक माध्यम बनेगा।

स्थान: ईरान कल्चर हाउस, तिलक मार्ग, नई दिल्ली
समय: 31 दिसंबर 2024, दोपहर 3:00 बजे से शाम 6:00 बजे 

इस ऐतिहासिक संगोष्ठी में शामिल होकर, आप न केवल इमाम खुमैनी (र.अ.) के विचारों को समझेंगे, बल्कि उनके आदर्शों को समाज में लागू करने का संकल्प भी लेंगे।

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