लखनऊ, भारत के प्रमुख धार्मिक और शैक्षिक संस्थान तंज़ीमुल मकातिब ने इस रमज़ान में एक खास और प्रेरणादायक पहल करते हुए ‘रूह परवर रमज़ान प्रोग्राम’ की शुरुआत की है। यह कार्यक्रम न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में सोशल मीडिया और यूट्यूब के माध्यम से प्रसारित किया जा रहा है और बच्चों, छात्रों और नौजवानों के बीच बेहद लोकप्रिय हो रहा है।
तंज़ीमुल मकातिब – तालीम, तहज़ीब और इबादत का मरकज़
1968 में मौलाना गुलाम अस्करी साहब द्वारा स्थापित तंज़ीमुल मकातिब आज भारत के 1200 से अधिक मकातिब (इस्लामिक शिक्षण केंद्र) का संचालन कर रहा है, जो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक फैले हुए हैं। हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैयद सफी हैदर जैदी की क़ियादत में यह संस्थान लगातार नई बुलंदियों को छू रहा है और न सिर्फ धार्मिक बल्कि सामाजिक और नैतिक शिक्षा के प्रचार-प्रसार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
शिक्षा और प्रकाशन में अहम योगदान
तंज़ीमुल मकातिब सिर्फ धार्मिक शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसकी पब्लिकेशन शाखा भी बेहद समृद्ध है। यह संस्थान उर्दू, हिंदी, बंगाली, गुजराती और मराठी भाषाओं में धार्मिक और शैक्षिक साहित्य प्रकाशित करता है, जिससे हर वर्ग और भाषा-भाषी को सही मार्गदर्शन मिल सके। यहां से पढ़कर निकले 50,000 से अधिक छात्र न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में इंसानियत, अमन और इल्म का पैग़ाम फैला रहे हैं।
रमज़ान में ‘रूह परवर प्रोग्राम’ की रौशनियां
रमज़ान की पहली तारीख़ से शुरू हुए ‘रूह परवर रमज़ान प्रोग्राम’ में देश और दुनिया के नामवर उलेमा, खुतबा और शोअरा अपने खिताब पेश कर रहे हैं। इस बार इस कार्यक्रम को हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैयद सफी हैदर जैदी खुद निज़ामत (संचालन) कर रहे हैं, जिससे इसकी अहमियत और भी बढ़ गई है।
मौलाना मोहम्मद हसन मारूफी का पैग़ाम:
"ख़ुदयाबी ही ख़ुदाई की पहचान का बेहतरीन ज़रिया है।"
मौलाना मोहम्मद हसन मारूफी ने कहा कि रमज़ान इबादत, तालीम और आत्मिक शुद्धि का बेहतरीन मौका है। उन्होंने ख़ुदयाबी (आत्म-ज्ञान) और ख़ुदाई (ईश्वर की पहचान) के गहरे संबंध को उजागर करते हुए कहा कि इंसान को अपने अस्तित्व और कर्तव्यों को समझकर जीवन को सही दिशा में ले जाना चाहिए।
दुनियाभर में हो रहा है प्रसारण
इस कार्यक्रम को तंज़ीमुल मकातिब के यूट्यूब चैनल पर लाइव देखा जा सकता है। यह प्रोग्राम न सिर्फ इबादत, बल्कि इंसानियत और तालीम का बेहतरीन जरिया बन रहा है।
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📞 राहिब हसन: +91 9555457045
📞 समर मेहदी: +91 9628291964
📞 सादिक मारूफी: +91 7392048138
🌙 रमज़ान कार्यक्रम के मुख्य बिंदु:
✅ इबादत, तालीम और इंसानियत का संदेश
✅ देशभर के मशहूर उलमा और विद्वानों की शिरकत
✅ रमज़ान के मुबारक महीने में आध्यात्मिक उत्थान पर जोर
✅ यूट्यूब और डिजिटल माध्यमों पर सीधा प्रसारण
📅 कार्यक्रम विवरण:
📅 तारीख़: 07 मार्च 2025 (शुक्रवार)
⏰ समय:
- रात 9:00 बजे से 10:00 बजे तक (महिलाओं और पुरुषों के लिए)
- रात 10:10 बजे से 10:30 बजे तक (सिर्फ़ महिलाओं के लिए)
🎤 निज़ामत:हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैयद सफ़ी हैदर साहब
🗣️ तिलावत: मौलाना सैयद सफ़दर अब्बास साहब
🎶 मनज़ूम नज़राना-ए-अक़ीदत:
- जनाब ज़मिन आलमपुरी साहब
- जनाब फ़रहत महदी काज़मी साहब
🗣️ मुख्य वक्ता:
- मौलाना अली हाशिम आबदी साहब
- मौलाना अम्मार रज़ा नक़वी साहब
- ख़्वाहर मुन्तज़िर नक़वी साहिबा
📢 इस ऐतिहासिक रमज़ान कार्यक्रम का हिस्सा बनें!
🎙️ इबादत और ज्ञान के इस अनोखे संगम को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं!
📌 याद रखें: इस रमज़ान, तंज़ीमुल मकातिब आपके लिए लाया है रूहानी, तालीमी और इंसानी विकास का एक बेहतरीन मौका!
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